आज समाज से बड़ी खबर आ रही है। पता चला है कि चंडीगढ़,अंबाला आज समाज से समाचार सम्पादक सुरजीत सैनी ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने दैनिक भास्कर का दामन फिर से थाम लिया है। इस बार उन्होंने जालंधर में बतौर डिप्टी एडीटर ज्वाइन किया है। यहां बता दें कि हरियाणा में आज समाज के शुरू हुए अभी एक साल ही हुए हैं। लेकिन इस दौरान अखबार ने कई फेरबदल देख लिए हैं।
सबसे पहले अखबार में संपादक के तौर पर स्वतंत्र सक्सेना का नाम जाता था। टीम ने मेहनत की और अखबार अच्छा चल निकला। ये बात अलग रही कि मशीन की खराबी के कारण अक्सर अखबार देर से छप पाया और लोगों तक नहीं पहुंच पाया। लेकिन प्रबंधन को यह सब अच्छा नहीं लगा और कुछ ही समय बाद स्वतंत्र सक्सेना को राजनीतिक सम्पादक बनाकर चंडीगढ़ भेज दिया गया। यही नहीं अखबार की प्रिंट लाइन में समाचार सम्पादक के रूप में सुरजीत सिंह सैनी का नाम जाने लगा। अखबार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा।
प्रबंधन को यह भी रास नहीं आया और हिन्दुस्तान के चंडीगढ़ ब्यूरो चीफ रहे संजीव शुक्ला को अंबाला में बतौर सीनियर एसोसिएट एडीटर के रूप में लाया गया। अब सुरजीत सिंह सैनी का नाम प्रिंट लाइन में जाना बंद हो गया। खफा सैनी ने अपने लिए जगह तलाशनी शुरू की और जल्द ही भास्कर जालंधर से उनकी बात फिट हो गई। यही नहीं एक दौर ऐसा भी आया जब प्रबंधन ने स्वतंत्र सक्सेना और सुरजीत सैनी को तुगलकी फरमान जारी करते हुए दिल्ली इंडिया न्यूज बुला लिया। यह सब इसलिए किया गया क्योंकि किसी डेस्क कर्मी की गलती की वजह से हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर हुड्डा के खिलाफ एक खबर छप गई थी।
इस बीच जो एक नाम नहीं बदला वह था रवीन ठुकराल का। उनका नाम अखबार के पहले दिन से अब तक बतौर सम्पादक जा रहा है। यह बात अलग है कि अब वे अखाबर पर ध्यान कम दे रहे हैं और इंडिया न्यूज पर ज्यादा। पता यह भी चला है कि जल्द ही अंबाला और चंडीगढ़ आफिस से कुछ और लोग संस्थान से अलविदा कह सकते हैं। इसका एक बड़ा कारण वेतनवृद्धि न किया जाना माना जा रहा है।
एक साल में यहां के लोगों ने अखबार को भास्कर], अमर उजाला और पंजाब केसरी के समक्ष खड़ा किया लेकिन प्रबंधन ने इसके एवज में कुछ नहीं किया। किया भी तो सिर्फ उनके साथ जो जी हुजूर में लिप्त रहे। प्रबंधन अगर इसी तरह निजाम बदलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब हरियाणा संस्करण का हाल भी दिल्ली जैसा हो जाए।
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