सांखला (परमारों की शाखा है।)
सांखला परमारों की एक शाखा है। वि.सं. 1381 के प्राप्त शिलालेख में शंखकुल शब्द का प्रयोग किया गया है। धरणीवराह पुराने किराडू का राजा था। धरणीवराह के अधीन मारवाड़ का क्षेत्र भी था। धरणीवराह का पुत्र वाहड़ तथा वाहड़ के दो पुत्र सोढ़ और वाघ थे। सोढ़ के वंशज सोढ़ा कहलाए। वाघ जैचन्द पड़ियार (परिहार) के हाथों युद्ध में मारा गया। वाघ का पुत्र वैरसी अपने पिता की मौत का बदला लेने की दृढ़ प्रतिज्ञ था। वाघ ओसियां सचियाय माता के मन्दिर गया। वहाँ सचियाय माता ने प्रसन्न होकर उसे दर्शन दिए तथा वरदान के रूप में शंख प्रदान किया। उसने अपने पिता की मृत्यु का बदला लिया, तभी से ये बैरसी के वंशज शंख प्राप्ति से सांखला कहलाने लगे।
इसने जैचन्द के मूघिताड़ के किले को तुड़वाकर रूण में किला बनवाया। तब से ये राणा कहलाने लगे। वाघ का पुत्र राजपाल था तथा राजपाल के तीन पुत्र छोहिल, महिपाल और तेजपाल थे।
मेवाड़ के महाराणा मोकल ने इन परमारों में विवाह किया। महाराणा कुम्भा इनके दोहिते थे।
पूर्व में महिपाल का पोता उदगा पृथ्वीराज चौहान के सामंतों में था। राजपाल का पुत्र महिपाल के बेटे रायसी ने रूण आकर जांगलू के चौहानों को हराकर अपना राज्य कायम किया। ये सांखले रूणेचे साँखले कहलाए।
राजस्थान के पंचवीरों में गिना जाने वाला जांगलू का हरभूजी सांखला बड़ा सिद्ध पुरूष हुआ। जोधपुर के संस्थापक राव जोधा का जब मंडोर पर अधिकार समाप्त हो गया और वह मेवाड़ की सेना से गुरिल्ला युद्ध कर रहे थे तो जंगल में हरभूजी सांखला से भेंट हुई। हरभूजी ने जोधाजी को राज्य पुनः स्थापित होने का आशीर्वाद दिया तथा राज्य मेवाड़ से जांगलू तक फैलने की भविष्यवाणी की, जो सत्य हुई। वीर और बुद्धिमान नापाजी की महाराणा कुम्भा के यहाँ बड़ी प्रतिष्ठा थी। जोधाजी के पुत्र तथा बीकानेर राज्य के संस्थपक बीकाजी का वि.स.ं 1522 में नापाजी ने ही जांगलू पर अधिकार कराया था। इसलिए बीकाजी इनका बहुत सम्मान करते थे। नापाजी के वंशज नापा सांखला कहलाए।
Pure story to nahi bataya gya h sort btaya h par kuch baate nahi nahi likhi h aap ne sankhla ke baare me sahi likha h thanks
जवाब देंहटाएंRajveera Singh sankhla meusar bikaner
9602506047
पूरी जानकारी के लिए "सांखला वंश सर्वस्व" पुस्तक पढें, जिसका पहला भाग "कुलदेवी कुलदेवता वर्णन" तैयार है और दूसरा भाग शीघ्र ही सामने आने वाला है। - लेखक जगदीश यायावर सांखला
हटाएंमाधु सिंह साँखला पीपाड़ शहर जोधपुर राजस्थान से । आपकी ये पुस्तक मुझे कहि नही मिल रही , कृपया इसको भिजवाने की कृपा करें , मेरा नम्बर 9672808401
हटाएंकृपया मेरे नंबर ९५७११८१२२१ पर संपर्क करे
हटाएंPure story to nahi bataya gya h sort btaya h par kuch baate nahi nahi likhi h aap ne sankhla ke baare me sahi likha h thanks
जवाब देंहटाएंRajveera Singh sankhla meusar bikaner
9602506047
Jai mata ji ri saa
हटाएंMohan Singh Sankhala
Ap bata sykte hai ki hi sankhla kitne trh ke hote hai
हटाएंExample jaise Bhati do trh ke hote hhai.
Sankhala ke IST dev kha he MATLAB sankhala ke Devi Devta Ka Mandir kha par he
जवाब देंहटाएंमाता जी की बढेर आसोप में है । पाट स्थान रेन ( मेड़तासिटी ) में है । इष्ट देवी परमार वंश की साख होने से माँ सच्चियाय माता ओसियां वाली है । इससे ज्यादा जानकारी मेरे पास नही है।
हटाएंजाखन माता ( यक्षिणी) साँखला की कुलदेवी है ।
हटाएंMt. Abu ma adhar shila maata ha
हटाएंओसियां जोधपुर
हटाएंआप तीनों की बात सही है। कुलदेवी जाखण माता आसोप में है, इष्टदेवी सचियाय माता ओसियां में है और आदि कुलदेवी अधर माता आबू पर्वत पर है।
हटाएंour jankari chahiye
जवाब देंहटाएंओर बताइये । साँखला की कुलदेवी गोत्र वर्ण इत्यादि पूर्ण जानकारी देवे
जवाब देंहटाएंआप मेरी पुस्तक मंगवा कर पढ़े - 9571181221
हटाएंसाँखला( माली) की कुलदेवी ?? कुलदेवता को है ?? भैरव को है ???? इनका स्थान कहा है ??
जवाब देंहटाएंपरमार की शाखा होने से हमारी इष्ट माता सच्चियाय माता है । कुलदेवी कुलदेवता के बारे में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावे ।
कुलदेवी जाखण माता, असोप है. कुल भैरण खेतला जी सारंगवास है.
हटाएंMine surmane is too sankhala and over community name as "marwari kshatriya mali samaj"..soo is we brlong too this same race that is said in bolg or over ancestory is from different sect.
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जवाब देंहटाएंMine surmane is too sankhala and over community named as "marwari kshatriya mali samaj"..soo is it we belong too this same race that is said in blog or over ancestory is from different sect.
Sankhla vash ke bare me our bataoo
जवाब देंहटाएंMujhe bas itna pata h m sankhla vash ka hu to plzzz mujhe mere vash ke bare me our bataoo
जवाब देंहटाएंमैं सांखला वंश के बारे में एक ऐतिहासिक जानकारी की पुस्तक लिख रहा हूँ, उसमे संपूर्ण जानकारी मिल जाएगी, काफी जानकारी एकत्र हो चुकी है और कुछ और मिल रही है, अगर आपके पार कोई अधिकृत जानकारी हो तो उससे अवगत करवाए. - जगदीश यायावर (सांखला), मालियों का मोहल्ला, लाडनूं (राजस्थान) पिन - ३४१३०६. Email- yayawer@gmail.com
जवाब देंहटाएंMain jodhpur main rahta hoon mujhe ithas Main rochi hai mere pass bhi
हटाएंbaderon ke naam hai jo bahi bhat ke pass the 32 pedi tak kola patan ke rajpoot sankhla the sabse upper naam kalal Singh sankhla ka hai
आप अपने नाम पता और फोन नम्बर दें, आपसे सम्पर्क किया जाएगा।
हटाएं-जगदीश यायावर सांखला, 9571181221
जितेन्द्र सांखला चोकड़ी कलां ग्रामपंचायत तहसील पिपाड़ शहर 9929168655
हटाएंKab aayegi book or Kaha se milegi
जवाब देंहटाएंपूरी जानकारी के लिए "सांखला वंश सर्वस्व" पुस्तक पढें, जिसका पहला भाग "कुलदेवी कुलदेवता वर्णन" तैयार है और दूसरा भाग शीघ्र ही सामने आने वाला है। - लेखक जगदीश यायावर सांखला, सम्पर्क करें 89571181221
हटाएं-जगदीश यायावर सांखला, 9571181221
हटाएंभाई साब नमस्ते में महाराष्ट्र से हु मुझे आप से बेहद जरूरी जानकारी चहिए मेरा सर नेम सांखला मेरा बिज़नेस जूते चप्पल का है पर हमें हमारी कुलदेवियों के बारे में जमकारी चाहिए और हम ओर हमारे पूर्वज सोजत से गोविन्दगढ रहते थे पर कई वर्षोंसे हम आज तक वहां जानहि सके इस लिए हमे कोई जमकारी नही है ओर एक दो बार हमारे परिवार के कुछ लोग गए थे जमकारी कि लिए पर उन्हें किसी ने वह जानकारी नही दी इस लिए में आप हात जोड़कर विनती है आपको अगर जानकारी हो तो जरूर बताएं हम मोची समाज के है पर राजस्थान में लोग जीनगर के नाम से जानते ह
जवाब देंहटाएंAap chamar mochi he to aap ki kuldevi harsidhi mata hogi
हटाएंKripya koi bataye mochi sankhla ki kuldevi kaun hai aur kaha hai
जवाब देंहटाएंसांखला सभी जाखण माता और सचियाय माता को कुलदेवी मानते हैं
हटाएंमेरा नाम शैलेश सांखला है जीनगर समाज सांखला वंश की कुलदेवी माता ब्रह्माणी बताई गई है
जवाब देंहटाएंMohanlal sankhla
हटाएंBadh mohanpur
मेरा नाम शैलेश सांखला है जीनगर समाज सांखला वंश की कुलदेवी माता ब्रह्माणी बताई गई है
जवाब देंहटाएंमेरा फोन नंबर है8511090212 शैलेश सांखला अहमदाबाद कुछ लोग सांखला मंच की कुलदेवी मां काली बोलते हैं कुछ लोग चामुंडा बोलते हैं लेकिन मुझे कुछ हद तक पता चला है कि कुलदेवी माता ब्रह्मांणी है
जवाब देंहटाएंशैलेश भैया , जय श्री महाकाल ।
हटाएंआप वही हो न माता मेलड़ी के साधक
सभी सांखला सचियाय माता को कुलदेवी या इष्टदेवी मानते हैं। चाहे वे जीनगर हो, माली,राजपूत या अन्य। बाद में स्थान परिवर्तन, कार्य परिवर्तन से जातियां विभाजित हुई और सांखला सब में हो गये, लेकिन सबका वंश एक है, उत्पति एक है। ओसियां में सचियाय माता के पास ही ब्रह्माणी माता विराजमान है, इसलिए कुछ उनको भी कुलदेवी मानने लगे।
हटाएंपूरी जानकारी के लिए "सांखला वंश सर्वस्व" पुस्तक पढें, जिसका पहला भाग "कुलदेवी कुलदेवता वर्णन" तैयार है और दूसरा भाग शीघ्र ही सामने आने वाला है। - लेखक जगदीश यायावर सांखला
8511090212
जवाब देंहटाएंBhai sankhal vansh ek shuddh Rajput rajvansh h Jo parmar Rajputon ki ek shakha h
जवाब देंहटाएंIsh vansh ki kuldevi maa saanchuyaya h jinka mandir osiaan jodhpur me h
Ab baat ki sankhka vansh Anya Kai jatiyon me bhi h
To ishke Kain Karan h
Jinme kuch mukhya ye h ....
1 jab koi Rajput kissi doosri jati ki mahila se vivah kar let tha to ushse prapt santaan ko kshatriya kul Rajput kul ka nahin Mana jata tha ish Karan ushe apni MAA ki ya Anya jati ke saath hi sambandh banana padta tha ish Karan wah apne saath apne pita ka naam v gotta leave jata or baad me wah ushi jati me mill jaate
Jisse raw bhat dwara Rajput kulo ka nimna kul me girna kaha Gaya h
2 jab kabhi ko Anya jati jishke pass jiwan yapan ke liye paryapt sadhan nahin hote the to wah gaanw gaanw ghoomte rahte to gaanw ke thakur(Rajput) dwara unhain bhojan v rahne aadi ki vyawastha hoti tatha unhain koi bhi pareshan na kare ish liye ve unhain apne kul ka naam Diya karte the
Ishi Karan aaj bhi gaawon me Kain jatiya Jo h to ek lekin unhain Rajputon ke ya brahmanon ke ya Anya jatiyon ka kaha jata h
3 ya jab kabhi koi Rajput apne kshatriaa dharm ka palan nahin kar pata tha to ushse samaj se bahiskrit kar Diya jata or wah Anya jatiyon ke saath vivah aadi ke dwara unhi me gir jaate the ish tarah Rajputon ke bahishakarn ke Karan bhi rajRaj gotta Anya jatiyon me mill Gaye
Udaharan ke liye aaj parmaron ki sankhla sakha Mali dhobhi jingar mochi aadi me milti h
Kintu inki kuldevi gotra ityadi ek saman h bas fark itna hi h ki ye pracheen Kal me rakt shuddhta kayam n rakh sake Rajputon ke vansaj h
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जवाब देंहटाएंAp bata sykte hai ki hi sankhla kitne trh ke hote hai
हटाएंExample jaise Bhati do trh ke hote hhai.
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जवाब देंहटाएंसांखला मे रूणिच्या खाप वाले वंश कि कुलदेवी कौनसी है By Rakesh Saini 9772901223
जवाब देंहटाएंनागौर मुदीयाड़
हटाएंसभी की कुलदेवी जाखण माता है
हटाएंसाँखलो की कुल देवी मुदीयाड़ माता नागौर में है जो की प्रमाणित किया गया है परमार/साँखलो की कुल देवी एक ही है जो बहाम्णी माता है और इनके मंदिर अलग-अलग स्थानों पर स्थित है जो :- औसिया, बारा,नागौर (मुदीयाड़),माउन्ट आबु आदि स्थानो पर माता जी के मंदिर जो सांखला के कुल देवी के हे
जवाब देंहटाएंकुलदेवी के रूप में अधिकृत जानकारी के लिए "सांखला वंश सर्वस्व" पुस्तक का पहला भाग "कुलदेवी कुलदेवता वर्णन" पढें।
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