सोमवार, 25 अप्रैल 2011

प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग विकास बोर्ड का गठन होगा

जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग विकास बोर्ड का गठन करने और इसके लिए एक करोड रुपये देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री यहां हरिश्चन्द्र तोतुका सभागार में द्वितीय प्रान्तीय प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि पद से बोल रहे थे। इसका आयोजन गांधी स्मारक प्राकृतिक चिकित्सा समिति राजघाट नई दिल्ली और महात्मा गांधी प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग महाविद्यालय जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस सम्मेलन में देश एवं प्रदेश के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित बोर्ड में प्राकृतिक चिकित्सा से जुडे प्रतिनिधियों को सम्मिलित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग का प्रचलन प्राचीन काल से रहा है। सभी को स्वास्थ्य के उद्देश्य से आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथिक, योग, प्राकृतिक चिकित्सा पद्घतियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आज नई तकनीकी क्रांति का जमाना है। देश दुनिया में एलोपैथी का वर्चस्व कायम हो चुका है। ऐसे में इस बात की जरूरत है कि हम भी अपनी प्राचीन पद्घतियों पर नये नये शोध की सूचनाएं इंटरनेट से प्राप्त कर और प्रोत्साहन दें। राज्य सरकार इसमें सहयोग करने में कभी पीछे नहीं रहेगी।
उन्होंने कहा कि हम नेचुरोपैथी के साथ अपनी अन्य प्राचीन पद्घतियों का प्रचार गांव गांव, ढाणी ढाणी में करें और इसके प्रति समाज में चेतना लाई जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। उन्होंने विशेष तौर पर महिलाओं का आह्वान किया कि वे इसके प्रति समाज में जागरूकता लाने में अपनी अहम भूमिका निभायें।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाया करते थे। उनका ध्येय था कि कोई भी काम करें तो उसका अपने जीवन में प्रयोग भी करें। उनका मानना था कि उपदेश की बजाय स्वयं इसे जीवन में अपनाते हैं तो उसका ज्यादा असर पडता है। उन्होंने कहा कि गांधीजी के जीवन दर्शन से पूरी दुनिया प्रभावित है और उनके जन्मदिवस को आज पूरे विश्व में अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि जब गांधीजी के जीवन दर्शन को लोग पढते हैं तो उनके जीवन में अपनाई गई प्राकृतिक चिकित्सा का भी जिक्र आता है।
श्री गहलोत ने कहा कि वह स्वयं भी प्राकृतिक चिकित्सा का उपयोग बचपन से करते आये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरा समाज स्वस्थ रहे। इसके लिए आवश्यक है कि वातावरण पर्यावरण की दृष्टि से शुद्घ रहे। उन्होंने कहा कि पर्याप्त सफाई नहीं होने से प्रदूषण फैलता है जो हमारे स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसलिए आवश्यक है कि स्थानीय निकाय सफाई व्यवस्था पर पर्याप्त ध्यान दें।
राज्य सभा के सांसद अश्क अली टाक ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा गांधीवादी विचारधारा का एक हिस्सा है। उन्होंने प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग के लिए बोर्ड के गठन का अनुरोध करते हुए कहा कि इससे इन पद्घतियों के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
गांधी स्मारक निधि, राजघाट नई दिल्ली के अध्यक्ष लक्ष्मीदास ने अपने उद्बोधन में प्राकृतिक चिकित्सा को प्रोत्साहन देने की मांग करने के साथ इसके स्वतंत्र बोर्ड के गठन का आग्रह किया और कहा कि यह बोर्ड प्राकृतिक चिकित्सा के विकास का रोड मैप बनाये।
सम्मेलन के संयोजक अरुण कुमावत ने सभी का स्वागत करते हुए सम्मेलन के कार्यक्रमों की जानकारी दी। महात्मा गांधी प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग महाविद्यालय के संरक्षक पी.सी. कुमावत ने अतिथियों का धन्यवाद दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वतंत्र क्रांति स्मारिका का भी विमोचन किया।
प्रदर्शनी का अवलोकन
मुख्यमंत्री ने उद्घाटन सत्र से पहले प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग से होने वाले उपचार तथा विभिन्न प्रकार की प्रयोग की जाने वाली विधियों के संबंध म आयोजित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें