रविवार, 22 नवंबर 2015

माली समाज को अनुसूचित जन जाति में शामिल करने की उठी मांग
पटना: 
महात्मा ज्योति राव फूले की 188वीं जयंती पर माली (मालाकार) कल्याण समिति ने राज्य सरकार से माली समाज को अनुसूचित जाति से अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग की है. रवींद्र भवन में आयोजित जयंती सह सम्मान समारोह में समिति ने जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार व खाद्य  व उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक से मांग की कि 2002 में माली समाज को अतिपिछड़ा में शामिल किया गया था. इस समाज की राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. इस समाज की आबादी करीब 35-40 लाख  है, लेकिन एक भी सांसद-विधायक इस समाज के नहीं है. माली समाज से कम आबादी वाले दूसरे समाज को राजनीतिक प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है. इसलिए राज्य सरकार केंद्र सरकार को अनुशंसा करे कि माली समाज को अतिपिछड़ा से अनुसूचित जन जाति का दर्जा दिया जाये. इस पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष समेत दोनों मंत्रियों ने समिति को आश्वासन दिया है कि वे इस मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करेंगे. इस मौके पर जदयू नेताओं ने माली समाज के लोगों को आह्वान किया कि वे बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के साथ रहें और विकास के नाम पर वोट दें. जयंती समारोह में माली समाज के 51 लोगों को भी सम्मानित किया गया.

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