गुरुवार, 30 जनवरी 2020

चौहान

-आदू चहुवांण अनळकूंडरी उतपत । वसिस्ठ रिखीस्वर आबू ऊपर राकस निकंदणनूं खत्री 4 उपाया - 1. पंवार, 2. चहुवांण, 3. सोळंकी, 4. डाभी । 10/123.
-मशहूर और ताकतवर कौम तंवरों के पीछे दिल्ली की बादशाही चैहानों में रही और उनसे तुरकांे ने ली । मारवाड़ में इनकी -चहुवांणांरी साख मांहै एक साख कांपलिया कहावै
छै । सु कांपलो साचोररो गांव छै, तिको इणांरो राजथांन, तिण गांव लारै कांपलिया नांव पडि़यो । आगै कुंभो कांपलियो वडो रजपूत हुवो छै तिणरा गांव कुभछतरा कहीजता । सु धनवो, धोरीनमो कुभाछतमें मुदै छै । 10/236-7.
-साचोर और पश्चिम मारवाड़ के चैहानों केी इन खांपों में नाता होता है -बोडा, सोढ़ल, खीची, साईदरा, सेफटा, देवड़ा, निरबाण, रतपाल, वालिया, सुरताणचा, सेजपाल, जोजा, बीयोल, भूपा वगैरह । मगर पूरब मारवाड़ के चैहान नाते को सखत ऐब गिनते हैं । पच्छम मारवाड़ के चैहानों में भाई बंटा भाइयों के हिसाब से भी होता है और लुगाइयों के हिसाब से भी । ये लोग देसी मुसलमानों से ज्यादा छूतछात नहीं रखते हैं । 6/14.
-बहुत-से चैहान बादशाही राज में मुसलमान भी किये गये थे जिनमें क्यामखांनी और खानजादे ज्यादा मशहूर हैं । इसके सिवाय बहुत सी छोटी जातें हिंदू-मुसलमानों की अपने को चैहान बताती है । 6/14.
-चैहानों का वशिष्ट गोत्र है । कुलदेवी आसापुर और धर्म वैष्णव है । शिवजी को भी पूजते हैं । 6/14.
-गोगा चैहानों में देवता हुआ है जिसको सांप काटता है उसके गोगा के नाम का डोरा बांधते हैं जिसको तांती कहते हैं । गोगा का थान जिसमें सांप की मूर्ति पत्थर में खोदी होती है अकसर गांवों में होता है । इसी वास्ते यह मारवाड़ी ओखाना चला है कि ‘गांव गांव गोगो ने गांव गांव खेजड़ी ।’ 6/14.
खांपे - खीची - जिसका राज जायल में था ।
जोजा - जिसका राज जोजावर में था ।
टाक - जिसका राज नागौर में था ।
देवड़ा - जिसका राज सिरोही में है ।
नाडोला -जिसका राजा पहिले नाडोल में था ।
निरवाणा - जिसका राज खंडेले में था ।
नीमराणा -ये अपने को चैहानों में पाटवी पृथ्वीराज की औलाद से समझते हैं ।
पावेचा - जिसका राज पावे में था । पूरबिया ।
बालिया -जिसका राज रायपुर में था । बोडा । हाडा -जिसका राज कोटा-बूंदी में था ।
             (चहुवांणां मांहै साख 1 बोड़ांरी छै । अैही रावलाखणरा पोतरा सोनगरा जाळोर रा धणी, कीतूरा पोतरा बोड़ो भाखरो बेटो हुवो । तिणरा वांसला बोड़ा कहीजै छै । इणांरो                उतन परगनो  जाळोररै सेणांरो छोटो सो परगनो छै ।...10/234)
मादरचा - जिसका राज देसूरी में था ।
मोयल - जिसका राज लाडणूं में था ।
साचोर -जिसका राज सांचोर में था ।
सोनगरा -जिसका जालोर में राज था । 6/13.
-चौहानों का प्रारंभिक राज्य नागौर/अहिच्छत्रपुर में स्थापित हुआ । वहां से आगे बढ़ते हुए उन्होंने सांभर/शाकम्भरी को अपनी राजधानी बनाया । शाकम्भरी के राजा वाक्यतिराज के दो पुत्र सिंहराज और लक्ष्मण थे । उनमें से लक्ष्मण ने मारवाड़ के नाडोल में अपना राज्य स्थापित किया । नाडोल के एक अभिलेख के अनुसार लक्ष्मण ने अपना राज्य वि. सं. 1024 के आसपास स्थापित किया । आगे चलकर नाडोल के चौहानों ने ही कीर्तिपाल के नेतृत्व में परमारों को पराजित कर जालौर के दुर्ग सोनलगिरि को अधिकृत किया । इसीलिये जालौर के चौहान ‘सोनगरा’ कहलाये । सोनगरा चौहानों ने मारवाड़ में नाडोल के अलावा मण्डोर, बाड़मेर, भीनमाल, रतनपुर, सत्यपुर, सांचौर पर आधिपत्य स्थापित किया । उन्होंने वि. सं. 1218 के पश्चात् परमारों से किराड़ू छीन लिया था । चौलुक्य के अभिलेखों से ज्ञात है कि कुछ समय तक चौहान चौलुक्य शासको के भी सामन्त रहे । कीर्तिपाल के वंशधर कान्हड़देव के समय अलाउद्दीन खिलजी ने जालौर पर अधिकार कर वहां से चौहानों की सत्ता को समाप्त कर दिया । कान्हड़देव के वंशज बाद में गोडवाड़ एवं पाली में जागीरदारों के रूप में बने रहे किन्तु सिसोदियों ने इस भू-भाग पर अपना अधिकार कर लिया । -35/4-5.

चहुवांणां री चैईस साख

-- हाडौ, खीची, सोनगरौ, बाली, सोभदार, चोमालण (हण), गोरवाळ, भदोरिया, मीरवांण, वाकुर, चील, थेथा, दूंदलोत, सेपदा, गरावा, पबइया, सतवाळ, चाभुलेवा, पावचै, खेबर, चाहिल, मोहिल, भंडारी, वांणिया में, चीतामेर (राठौड़ां रा भाट रायचंद कन्नेै लिखी)।.......सोनगरा मांहे सूं देवड़ा निसरिया । देवड़ां मांहे सूं बोड़ा निसरिया । वालोत, चीवा, अबीह अे खांप निसरी। 15/141
-चहुवांण, 2. सोनगरा, 3. खीची, 4. देवड़ा, 5. राखसिया (साखसिया), 6. गीला, 7. डेडरिया, 8. बगसरिया, 9. हाडा, 10. चीबा, 11. चाहेल, 12. सैलोत, 13. वेहल, 14. बोड़ा, 15. बालोत, 16. गोलासण, 17. नहरवण, 18. बेस, 19. निरवांण, 20. सेपटा, 21. ढीमडि़या, 22. हुरड़ा, 23. माल्हण, 24. वंकट । 10/79.
-चहुवांणां रै कुळदेवी अंबाय है । माणकदे चहुवांणां नूं साख भरी, तूठी लाखणसी नूं । आसापुरी तूठी जदसूं लाखणसी रा आसापुरा नूं पूजै है ।..... सोनगरा महणसी रै घरवासै देवी रहै । उणरै पुत्र हुवौ, नांव देवौ । देवा रा वंस रा देवड़ा कहाणा ।... तेजावत, सांगावत, प्रथीराजोत, कलावत इत्यादिक देवड़ा लाखावतों री खांपां है ।......अमरावत, वीजावत, सूरावत, सिखरावत, मैरावत, कंुभावत छह अे खांपां देवड़ा डूंगरोतां री सिरोही में- ।....देवड़ौ निरवाण जिणरै वंस रा निरवांण कहावै ।.....सांचैरी में बळू सांवतसिंघोत रा बेटा तीन ज्यांरी तड़ां तीन -नाहरदासोत, सहसमलोत, वेणीदासोत ।........सरणौदेवी कुळदेवी वागडि़या चहुवांणां रे । 15/142.
-चहुवाण हाफो वीकमसी सगा भई । हाफै कालवांनू मार साचोर लिवी । वीकमसी राणुवांनूं मार सूराचंद लिवी । 15/162.
-सांचोरीमें बळू सांवतसिंघोत रा बेटा तीन ज्यांरी तड़ां तीन -नरहरदासोत, सहसमलोत, वेणीदासोत । 15/162.
-सरणोदेवी कुळदेवी वागडि़या चहुवांणांरै ।.....मही नदीरो अेक घाट वागडि़या चहुवाण तोलक है । उण घाट माथै वागडि़या काम आया ज्यांरी छत्रियां है । 15/163.

1 टिप्पणी: