गुरुवार, 11 जनवरी 2018

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हमारे पूर्वजो पहले क्षत्रिय थे,फिर माली कर्म से हम फूल माली या क्षत्रिय माली हुए ।।
हमारे और क्षत्रियो मीन्स राजपूतो के गौत्र,पेटा गौत्र,कुल देवी और कुल देवता ऐक ही है ।।
गोले माली वो ही सैनी है और सैनियों(गोले माली) के गौत्र हम क्षत्रिय माली और राजपूतो के गौत्र से नहीं मिलते ।।
कितने हमारे 12 गौत्र वाले क्षत्रिय माली लोग सोचा और समजा बिना ही सैनी लिखते है वो गलत बात है ।।
हम क्षत्रिय माली या राजपूत माली या फूल माली है ।।
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हम क्षत्रिय माली और राजपूतो मीन्स क्षत्रियो के गौत्र,पेटा गौत्र,कुल देव और कुल देवी एक ही है ।।
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(1) सोलंकी गौत्र :
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सोलंकी गौत्र के कुलदेवी चामुंडा माता है और पांच पांडवो की कुल देवी भी चामुंडा माता थी ।।
सोलंकी गौत्र के महाराजा गुजरात के पाटण में हुए है ।।
सोलंकी कुल की कुल देवी सालंक माता भी है ।।
ये सालंक माता का मंदिर गुजरात के पाटन में आया हुआ है ।।
सोलंकी गौत्र की कुल देवी माँ श्रेमकरी मीन्स खिमज माता भी है ।।
माँ श्रेमकारी माता का मंदिर राजस्थान के भीनमाल में आया हुआ है ।।
सोलंकी कुल के कुल देवता खेतलाजी मीन्स क्षेत्रपाल दादा है ।।
ये मंदिर शीयाना खेतलाजी और सोनाणा खेतलाजी राजस्थान में आया हुआ है ।।
(2) गेहलोत/सिसोदिया/गोहील :
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गेहलोत गौत्र में से सिसोदिया और गोहील गौत्र हुए ।।
गेहलोत और सिसोदिया और गोहील गौत्र के कुलदेवी बाण माता है ।।
और
कुल देवता
शीयाना और सोनाणा खेतलाजी है ।।
(3) चौहान/टांक/देवड़ा :
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चौहान और टांक और देवड़ा एक ही परिवार के है और
राजपूतो में भी वो ही है ।।
चौहान/टांक/देवड़ा की कुलदेवी माँ आशापुरी है ।।
और
कुल देवता
सोनाणा खेतलाजी और शीयाना खेतलाजी है ।।
(4) परमार/सांखला :
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परमारों की उत्पति माउंट आबु से हुई है ।।
परमार में से सांखला गौत्र हुए ।।
अभी भी परमार और सांखला शादी नहीं करते क्योंकि भाई है और राजपूतो में भी परमार और सांखला लग्न नहीं करते ।।
कितने लोग सोचा और समजा बिना परमार की जगह पवार लीखते है, वो शब्द सही नहीं है ।।
 ओरिजिनल शब्द ही परमार है ।।
परमार और सांखला की कुलदेवी माँ अर्बुदा मीन्स अधर देवी है ।।
कितने सांखला गौत्र के लोग माँ अर्बुदा के साथ माँ सुंधा चामुंडा और महाकाली माता को अपनी कुलदेवी मानते है ।।
और
कुलदेव
परमार और सांखला गौत्र के कुलदेव सोनाणा और शियाना खेतलाजी है ।।
(5) भाटी :
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भाटी में से यादव और जाडेजा और चुडासमा हुये ।।
गुजरात में भाटी के साथ जाडेजा और चुडासमा गौत्र बौत है किन्तु क्षत्रिय माली समाज में ओनली भाटी गौत्र ही है ।।
भाटी गौत्र की कुलदेवी तनोट माता है ।।
और
कुलदेवता
शीयाना खेतलाजी और सोनाणा खेतलाजी है ।।
एरिया की वजह से नाम अलग अलग हुए है किन्तु खेतलाजी खुद ही काल भैरव है ।।
(6) राठौड़ :
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क्षत्रिय माली समाज के राठौड़ गौत्र गुजरात और राजस्थान में ज्यादातर गौत्र है ।।
राठौड़ गौत्र की कुलदेवी नागणेश्वरी माता है और राजपूतो में भी वो ही है ।।
और
कुलदेवता
राठौड़ गौत्र के कुलदेवता मंडोरा भेरूजी है और शीयाना/सोनाणा खेतलाजी को भी मानते है ।।
(7) परिहार/पढ़ियार/सुंधेसा :
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परिहार में से ही पढ़ियार और सुंधेसा हुए है ।।
राजस्थान में ज्यादातर परिहार लिखते है और गुजरात में परिहार और पढ़ियार और सुंधेसा भी लिखते है ।।
परिहार की कुलदेवी गाजल माता है और परिहार/पढ़ियार/सुंधेसा गौत्र वाले माँ सुंधा चामुंडा को भी मानते है ।।
और
कुल देवता
कुलदेवता मंडोरा भेरूजी है और शियाना खेतलाजी/सोनाणा खेतलाजी को भी मानते है ।।
(8) तंवर :
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तंवर गौत्र को तुंवर गौत्र भी बोलते है ।।
रामदेव पिर खुद ही तंवर गौत्र के थे ।।
तंवर गौत्र की कुल देवी सागर माता है
और
कुल देवता
शियाना खेतलाजी और सोनाणा खेतलाजी है ।।
(9) कच्छवा :
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कछवा गौत्र वाले को कुश के वंस भी कहा जाता है और बिहार में कुछवाहा भी कहा जाता है ।।
कच्छवा गौत्र के कुलदेवी रुनायक देवी है
और
कुल देवता
मंडोरा भेरूजी है ।।
साथ में शियाना और सोनाणा खेतलाजी को भी मानते है राजपूतो की तरह ।।
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हमारे भी राजपूतो की तरह खुद का गौत्र छोड़ के ओनली 12 गौत्र में ही शादी होते है और परमार/सांखला गौत्र में शादी नहीं होते है,राजपूतो में भी वो ही है ।।
हमारे क्षत्रिय माली समाज में लखमाजी माली जैसे बड़े संत हुए है और अशोकजी गेहलोत हमारे क्षत्रिय माली समाज की शान है ।।
हम क्षत्रिय माली होने के साथ फूल माली और वन माली होने का भी बौत गर्व करते है ।।
हम और राजपूतो में फर्क उतने है की हम पुरे शाकाहारी होते है ।।
इज्जत/ईमानदारी/महेनत/खानदानी जैसे मूल्य हमारे खून में है ।। हम फूलो का बाग़ लगा के या जमींन में फसल/फ्रूट्स/सब्जी पैदा करके दुनिया को खिलाते है ।।
हम लोग महात्मा ज्योतिबा माली और सावित्रीबाई माली को हम आदर्श मानते है ।।
और
हमारे क्षत्रिय माली समाज के 12 गौत्र और उसके पेटा गौत्र वाले हमारे भाइयो पुरे हिंदुस्तान में रहते है ।। वो हमारे लिए गर्व की बात है ।।
जय क्षत्रिय माली समाज ।।
जय लखमाजी माली ।।
जय सावता माली ।।
जय महात्मा ज्योतिबा माली ।।
जय सावित्रीबाई माली ।।

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