सावित्रीबाई फुले की कुछ कविताएँ
1.
“ज्ञान के बिना सब खो जाता है
ज्ञान के बिना हम जानवर बन जाते हैं
इसलिए ख़ाली न बैठो और जा कर शिक्षा लो
तुम्हारे पास सिखने का सुनहरा मौक़ा है
इसलिए सीखो और जाति के बन्धन तोड़ो”
2.
“गुलाब का फूल
और फूल कनेर का
रंग रूप दोनों का एक सा
एक आम आदमी
दूसरा राजकुमार
गुलाब की रौनक
देसी फूलों से
उसकी उपमा कैसी?”
3.
“पत्थर को सिन्दूर लगाकर
और तेल में डुबोकर
जिसे समझा जाता है देवता
वो असल में होता है पत्थर”
4.
“हमारे जानी दुश्मन का
नाम है अज्ञान
उसे धर दबोचो
मज़बूत पकड़ कर पीटो
और उसे जीवन से भगा दो”
“ज्ञान के बिना सब खो जाता है
ज्ञान के बिना हम जानवर बन जाते हैं
इसलिए ख़ाली न बैठो और जा कर शिक्षा लो
तुम्हारे पास सिखने का सुनहरा मौक़ा है
इसलिए सीखो और जाति के बन्धन तोड़ो”
2.
“गुलाब का फूल
और फूल कनेर का
रंग रूप दोनों का एक सा
एक आम आदमी
दूसरा राजकुमार
गुलाब की रौनक
देसी फूलों से
उसकी उपमा कैसी?”
3.
“पत्थर को सिन्दूर लगाकर
और तेल में डुबोकर
जिसे समझा जाता है देवता
वो असल में होता है पत्थर”
4.
“हमारे जानी दुश्मन का
नाम है अज्ञान
उसे धर दबोचो
मज़बूत पकड़ कर पीटो
और उसे जीवन से भगा दो”
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