सर्व सैनी माली समाज ने भरी हुंकार
उदयपुर, जो समाज के साथ होगी, समाज भी उसके साथ होगा। सर्व सैनी माली समाज ने यह ऐलान रविवार को उदयपुर में किया। दक्षिणी राजस्थान के नौ जिलों से आए समाज के प्रबुद्धजनों ने समाज की जरूरतों को रेखांकित करते हुए स्पष्ट कहा कि इस बार समाज उसी का साथ देगा जो समाज को तवज्जो देगा। समाज का इशारा सभी प्रमुख दलों की ओर था कि आने वाली सरकार में समाज के लोगों को भी उचित प्रतिनिधित्व देना होगा, वरना समाज अपना निर्णय बाद में तय करेगा।
उदयपुर के शोभागपुरा सौ फीट रोड स्थित अशोका ग्रीन पैलेस में आयोजित सर्व सैनी माली समाज के प्रबुद्धजन सम्मेलन में दक्षिणी राजस्थान के उदयपुर, पाली, सिरोही, राजसमंद, डूंगरपुर, भीलवाड़ा, चित्तौडग़ढ़ और प्रतापगढ़ जिलों के समाज के प्रतिनिधि शामिल हुए। बाहर के जिलों से समाज के लोग बसों से उदयपुर पहुंचे। सुबह से शुरू हुआ सम्मेलन अपराह्न तक चला। सभी जिलों से आए प्रबुद्धजनों ने विभिन्न स्तरों पर समाज के विकास में आ रही बाधाओं को इंगित किया और उनसे पार पाने के लिए राज्य और केंद्र की सरकारों में समाज के समुचित प्रतिनिधित्व की जरूरत बताई।
सम्मेलन में अतिथि पूर्व संभागीय आयुक्त ओ.पी. सैनी ने सैनी माली समाज की सभी शाखाओं फूलमाली, राजमाली, कहार भोई, सगरवंशी, वनमाली आदि को एक मंच पर लाने की युवाओं की कोशिश की प्रशंसा की और कहा कि समाज की एकरूपता निश्चित रूप से दक्षिणी राजस्थान के अंदर राजनीतिक प्रतिनिधित्व दिलाने की दिशा में अहम साबित होगी।
समाज के कैलाश धोलास्या ने कहा कि 9 जिलों की 44 विधानसभाओं में से एक भी विधायक सैनी माली समाज का न होना निराशाजनक है। उन्होंने मांग उठाई कि सैनी माली समाज के युवाओं को आगामी चुनाव में टिकट दिया जाना चाहिए। समाज के दिनेश माली ने कहा कि राजस्थान के सभी जिलों के किसी भी मार्ग का नाम ज्योतिबा फूले के नाम से रखा जाना चाहिए। उन्होंने संत ज्योतिबा फूले की जयंती पर राजकीय अवकाश, समाज के निम्नवर्गीय तबकों को विशेष सुविधा के प्रावधानों की भी जरूरत बताई।
सम्मेलन के संयोजक प्रवीण रतलिया ने कहा कि भूराजस्व नियम 1963 के अंतर्गत समाज को 5 बीघा जमीन नि:शुल्क दी जानी चाहिए। सैनी समाज किसी अन्य समाज का विरोध नहीं कर रहा है। समाज यह चाहता है कि सभी समाजों को इस नियम के तहत भूमि का आवंटन नि:शुल्क किया जाना चाहिए, ताकि समाज के लोगों का विवाह व अन्य आयोजनों में होने वाले महंगे खर्च से बच सकें, समाज के होनहारों को किराए पर कमरे ढूंढऩे और महंगे किराए से बचाया जा सके। रतलिया ने ज्योतिबा साहब को भारत रत्न दिए जाने की भी मांग की।
सम्मेलन की अध्यक्षता डॉ. किशन लाल माली ने की। विशिष्ट अतिथि अनुभव चंदेल,दिनेश माली,रेवाशंकर माली, यशवंत मंडावरा, दिनेश माली, नरेंद्र माली आदि थे। मंच संचालन डॉ. लक्ष्मीनारायण माली ने किया। सम्मेलन का आरंभ ज्योतिबा फूले व सावित्री बा की तस्वीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। सम्मेलन में उदयपुर से महावीर बड़ोदिया, कैलाश धोलासिया, अम्बालाल, दौलतराम माली, सिरोही से गोपाल माली, राजसमंद से मांगीलाल माली, बद्रीलाल माली, बाबूलाल माली, पाली से परमाराम माली, हिम्मत गहलोत, बड़ीसादड़ी से पुष्करराज माली, चित्तौडग़ढ़ से गोपाल माली, प्रतापगढ़ से राधेश्याम माली, राजेश माली, डूंगरपुर से मुकेश भोई, बांसवाड़ा से कन्हैयालाल माली, भीलवाड़ा से भगवान लाल हिंडोलिया, शिवराज माली, बंसीलाल माली आदि ने भी अपने-अपने क्षेत्र में समाज की जरूरतों के सम्बंध में विचार व्यक्त किए। सभी प्रबुद्धजनों को ज्योतिबा फूले की तस्वीर व स्मृति चिह्न प्रदान किए गए।
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पीएम को एक लाख एक हजार पोस्टकार्ड अभियान का आगाज
-सम्मेलन में समाज ने राजस्थान से एक लाख एक हजार पोस्ट कार्ड प्रधानमंत्री के नाम से लिखने के अभियान का आगाज भी किया। पहला पोस्टकार्ड पूर्व संभागीय आयुक्त ओ.पी. सैनी ने लिखा। इन पोस्टकार्डों में मांग रखी जा रही है कि देश के हर जिले में एक मार्ग का नाम ज्योतिबा फूले और सावित्री बा के नाम से रखा जाए।
सम्मेलन संयोजक प्रवीण रतलिया ने बताया कि पहले चरण में दक्षिणी राजस्थान के ९ जिलों के प्रतिनिधियों का सम्मेलन हुआ है, अगले तीन चरणों में उत्तरी, पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान में ऐसे सम्मेलन किए जाएंगे।
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