सैनी, माली, शाक्य, मौर्य, कुशवाहा आदि नामों से पुकारे जाने वाले देश-विदेश में रह रहे सम्पूर्ण समाज की आवाज के रूप में सैनी घोष प्रस्तुत है। इस साईट पर आपका तहेदिल से स्वागत है। सैनी घोष सामाजिक जागृति का अग्रणी ब्लॉग-वेबसाईट है। यह संगठन, शक्ति, प्रतिभा-सम्मान, काव्य, सामाजिक गतिविधियां, सामाजिक विकास , कार्यक्रमों, आन्दोलनों, अभियानों आदि विभिन्न क्षेत्रों से सम्बंधित विवरण, समाचार, आलेख, वैवाहिक विवरण आदि प्रकाशित करता है।
शनिवार, 14 मई 2011
13 सालों से खौफज़दा है जागेराम सैनी परिवार------ महामहिम राष्ट्रपति से मांगी सामूहिक आत्महत्या की अनुमति
चन्द्रप्रकाश सैनी
झज्जर। इस ऐतिहासिक जिले के बेरी कस्बे में रह रहे जागेराम सैनी व उसका परिवार पिछले 13 सालों से गांव के ही एक वैद्य के उत्पीडऩ का शिकार होकर पल-पल मर रहा है। इस वैद्य की ज्यादतियों से तंग आकर जागेराम का एक जवान बेटा खुदकुशी कर चुका है और अब परिवार के अन्य सदस्य भी उसी राह पर चलने को मजबूर हैं। जिसके लिए उन्होंने महामहीम राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को पत्र लिखकर उन्हें आत्महत्या करने के लिए अनुमति देने की गुहार लगाई है। बेबस व बेसहारा नजर आ रहे इस परिवार के मुखिया जागेराम सैनी का महज कसूूर इतना ही है कि उसने उक्त वैद्य की उस बात को नहीं माना था जिसके तहत उसने औषधालय के उसी मालिक की मलकीयत पर कब्जा करना चाहा, जिसने कभी उसे दो जून की रोटी देने का रास्ता दिखाया था। जागेराम ने बताया कि वह बेरी के औषद्यालय में वैद्य के पद पर कार्यरत था। इस दौरान एक अन्य वैद्य ने अपने फायदे को देखते हुए उसे औषद्यालय के मालिक के खिलाफ झूठा मुकदमा डालने को कहा था, मगर ऐसा करने से उसने साफ इंकार कर दिया था। हालांकि उक्त वैद्य ने केस में उसी मालिक के खिलाफ झूठी गवाही देने का दबाव भी उस पर डाला था परंतु वह इसके लिए तैयार नहीं हुआ। इसी शराफत की सजा वह और उसका पूरा परिवार आज तक भुगत रहा है। उक्त वैद्य व उसके परिजन उनकी बेटियों के खिलाफ न केवल अपमानजनक व अभद्र टिपण्णियां करते हैं, बल्कि अश£ील बातें लिखकर पत्र तक उनके घर भेज देते हैं। यह सिलसिला पिछले 13 सालों से लगातार चल रहा है और इसी अपमान से मानसिक तनाव में आया उसका जवान बेटा विनय सैनी दो साल पूर्व रेल के नीचे आकर आत्महत्या कर चुका है। 52 वर्षीय जागेराम सैनी ने बताया कि उसके परिवार की आजीविका भी उसके भरोसे चल रही है मगर उसकी आजीविका को भी छीनने का प्रयास किया जा रहा है। तनाव व मानसिक प्रताडऩा ने उसे समय से पहले बूढ़ा कर दिया है और अब यह उत्पीडऩ उसके व उसके परिजनों के लिए असहनीय हो गया है। इसी वजह से ही उन्होंने राष्ट्रपति से आत्महत्या करने की अनुमति मांगी है। जागेराम ने बताया कि पिछले 13 सालों के दौरान वे उक्त वैद्य के खिलाफ अनेक बार पुलिस में लिखित शिकायत देने के साथ-साथ वे आला अधिकारियों से भी मिल चुके है बावजूद इसके आज तक पुलिस ने न तो उस वैद्य के खिलाफ मामला दर्ज किया और न ही उसे यह अत्याचार ढहाने से रोका। पुलिस का रवैया हर बार टालमटोल वाला रहा है इसलिए अब उनका भरोसा पुलिस से उठ चुका है। उन्होंने बताया कि उक्त वैद्य ने एक बार महिला आयोग में उसके खिलाफ उसकी बेटियों को बेचने की झूठी शिकायत भी कर दी थी। जिसकी तफ्तीश के लिए आयोग की एक टीम उस दिन उसके घर आ गई थी, जिस दिन उसकी बेटी की डोली उठने वाली थी। शिकायत झूठी थी इसलिए टीम वापस चली गई।
पुलिस प्रशासन का निकला जनाजा
चन्द्रप्रकाश सैनी
आमजन की सुरक्षा और सहयोग का दंभ भरने वाली हरियाणा पुलिस किस हद तक निकम्मी हो चुकी है इसका अंदाजा करीब डेढ़ दशक से बिना किसी कसूर के मानसिक प्रताडऩा झेल रहे जागेराम सैनी के रौंगटे खड़े कर देने वाले मामले में अमल में लाई गई पुलिसिया कार्रवाई से सहज ही लगाया जा सकता है। हैरानी की बात है कि पुलिस के आला अधिकारी जहां हर आम शिकायत को दर्ज करने के लम्बे-चौड़े दावें करते नहीं थकते, वहीं जागेराम सैनी द्वारा गत 13 सालों के दौरान चौकी इंचार्ज से लेकर डीजीपी तक भेजे गये दर्जनों शिकायती पत्रों पर प्रथम सूचना रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की गई। शायद यह रिपोर्ट भविष्य में भी दर्ज नहीं हो पाती यदि मीडिया ने जागेराम पर हो रहे अत्याचारों को अपने समाचारपत्रों व न्यूज चैनलों पर हाइलाइट कर पुलिस पर प्राथमिकी दर्ज करने का दबाव न बनाया होता। शायद सैनी समाज के वे संगठन भी जागेराम सैनी की मदद के लिए आगे नहीं आ पाते, जिन्होंने इस मामले को संजीदगी से लेते हुए झज्जर पुलिस को इस संबंध में कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर दिया। निसंदेह इस प्रकरण ने साबित कर दिया है कि पुलिस पंगु हो चुकी है और वह भी कमजोर के खिलाफ तो हर समय कार्रवाई करने के लिए तैयार है मगर दबंगों पर हाथ डालने से वह भी कतराती है। अगर ऐसा न होता तो जागेराम सैनी के पास उसे एवं उसके परिवार को प्रताडि़त के तमाम दस्तावेज व सबूत उपलब्ध होने के बावजूद पुलिस आरोपी वैद्य के खिलाफ कार्रवाई करने से परहेज नहीं करती।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें