माली समाज कि उत्पत्ति का इतिहास
" माली " शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द माला से हुई है,
एक पौराणिक कथा के अनुसार माली कि उत्पत्ति
भगवान शिव के कान में जमा धुल (कान के मेल ) से हुई थी ,वहीँ एक अन्य कथा के अनुसार
एक दिन जब पार्वती जी अपने उद्यान में फूल तोड़ रही थी कि
उनके हाथ में एक कांटा चुभने से खून निकल आया, उसी खून से माली कि उत्पत्ति हुई
और वहीँ से माली समाज अपने पेशे बागवानी से जुडा ...
माली समाज में एक वर्ग राजपूतों कि उपश्रेणियों का है ...........
विक्रम सम्वत १२४९ (११९२ इ ) में जब भारत के अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्वी राज चौहान
के पतन के बाद जब शहाबुद्दीन गौरी और मोहम्मद गौरी शक्तिशाली हो गए
और उन्होंने दिल्ली एवं अजमेर पर अपना कब्ज़ा कर लिया तथा
अधिकाश राजपूत प्रमुख या तो साम्राज्य की लड़ाई में मारे गए या मुग़ल शासकों द्वारा बंदी बना लिए गए,
उन्ही बाकि बचे राजपूतों में कुछ ने मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लिया
और कुछ राजपूतों ने बागवानी और खेती का पेशा अपनाकर अपने आप को मुगलों से बचाए रखा,
और वे राजपूत आगे चलकर माली कहलाये!
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