शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019

Mali Saini Samaj

  जैसा कि आप सभी जानते है, बहु प्रतियोगी प्रशिक्षण संस्थान, माली समाज का अभिन्न अंग है। बहुप्रतियोगी प्रशिक्षण संस्थान एक ऐसा वृक्ष है जिससेसमाज का एक बेरोजगार युवा अपने जीवन के न्यूनतम स्तर से शीर्ष स्तर पर पहुँचने का माध्यम बना सकता हैं। हमारे समाज की कई प्रतिभाएं सरकारी एवं अर्द्धसरकारी क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धियों प्राप्त कर समाज का नाम गौरान्वित किया है।
5 मई, 1985 को स्थापित, बहु प्रतियोगी प्रशिक्षण संस्थान, समाज के युवा वर्गों को सरकारी व अर्द्धसरकारी भर्ती पूर्व निःशुल्क शिक्षण एवं प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। अब तक समाज के लगभग कुल 3000 युवा देश के विभिन्न राज्यों में सरकारी, अर्द्धसरकारी एवं बैकिग सेवा राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात आदि में पदस्थापित है। 25 दिसम्बर 2005 से पूर्व संस्थान का गतिविधि केन्द्र सुमेर उच्च माध्यमिक विद्यालय, महामन्दिर जोधपुर रहा एवं इसके बाद से नवीन परिसर रामबाग, गुरूकुल में संचालित हो रहा है। जिसका नया नाम श्रीमती सोनी देवी देवीलाल गहलोत छात्रावास महामन्दिर जोधपुर है।
राजस्थान के विभिन्न जिलों तथा बाहरी राज्यों के भी युवाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त हो रहा है। संस्थान की क्षमता में लगभग 1500 विद्यार्थी की है। वर्तमान में लगभग 1100 से अधिक विद्यार्थी, जिनमें से लगभग 350 से अधिक महिला (50 से अधिक शादीशुदा) अभ्यर्थी अध्ययनरत है प्रायः 10 बजे से रात्रि 9 बजे तक, शिक्षण एवं प्रशिक्षण पूर्ण रूप से स्वयं सेवकों द्वारा संचालित किया जाता है। संस्थान इस ओर लगातार प्रयास करता रहा है कि समाज की युवाशक्ति पहले रोजगार प्राप्त करें, स्वरोजगार युक्त हो अथवा उद्यमी हो, आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर स्वावलम्बी हो। इसका श्रेय लगभग 125 से अधिक स्वयं सेवको एवं उनके सहयोगियों को जाता है। जो संस्थान विभिन्न गतिविधि में अपनी इच्छाशक्ति एवं अथक तकनीकी सेवा प्रतिदिन प्रदान करते है।
गुरूकूल प्रांगण के छात्रावास में 400 से भी अधिक छात्र एवं कीर्ति नगर मगरा पूंजला जोधपुर में स्थित बालिका छात्रावास में 170 छात्राओं को आवासीय एवं भोजन की लागत मात्र में सुविधा प्राप्त करवाई जा रही है।
संस्थान मुख्य रूप से बैकिग सेवा में भर्ती, रेल्वे सेवा भर्ती, कर्मचारी चयन अयोग सेवा भर्ती, राज्य सरकारी की विभिन्न सेवाये शिक्षक भर्ती, पटवारी भर्ती, ग्राम सेवक भर्ती, पुलिस भर्ती एवं अन्य राज्य/केंद्रीय में भर्ती के लिए आवेदन से लगाकर पदस्थापित तक उन्हे दिशा निर्देश एवं मार्गदर्शन, शिक्षण एवं प्रशिक्षण एंव यथांसम्भव तकनीकी ज्ञान प्रदान करता है।
21वी सदी में समाज को कम्प्यूटर शिक्षित बनाने के लिए श्री राजीव गांधीजी के सपनों को पूर्ण करने एवं संस्थान की गतिविधियों को नये आयाम प्रदान करने के उद्देश्य से कम्प्यूटर केन्द्र स्थापित किया गया। जिसमें श्रीमान् किशन सिंह जी गहलोत( वर्तमान केन्या निवासी) का सहयोग रहा। जिन्होने अपनी श्रद्धेय ममतामयी माताजी को समर्पित करते हुए सामाजिक स्तर पर प्रथम प्रयास स्वरूप "श्रीमती कमलादेवी गहलोत कम्प्यूटर केन्द्र" की स्थापना दिनांक 29 अगस्त 1994 (जन्माष्टमी) को आर्थिक सहयोग देकर समाज को इस नवीन तकनीकी जानकारी से लाभान्वित किया। इस केन्द्र का उद्घाटन तत्कालीन सांसद एवं वर्तमान मुख्यमंत्री माननीय श्री अशोक जी गहलोत के कर कमलों द्वारा हुआ। श्री हनुमान सिंह गहलोत एवं श्री मुकेश गहलोत के अथक तकनीकी सहयोग से समाज के युवा वर्ग कम्प्यूटर, सूचान एवं संचार प्रोद्यौगिक का ज्ञान में नवीन आयाम को प्राप्त हो रहे है एवं र्निबाध गति से नये आयाम छूते हुए आज भी जारी है। जिसके परिणाम स्वरूप के लगभग 4700 अभ्यर्थियों ने O Level, DTP, BASIC, Programming(C,C++,JAVA,J2EE,PHP,VB,FOXPRO), Tally आदि का ज्ञानार्जन किया। इसके साथ ही सरकारी, अर्द्धसरकारी एवं अपने स्वयं के कार्यक्षेत्र में सफलता हासिल की। कईयों ने विदेशों में भी अपनी प्रतिभा की अमिट छाप छोड़ी। इसका श्रेय श्रीमान् हनुमान सिंह गहलोत एवं उनके सहयोगियों को जाता है।
वर्तमान में संचालित मुख्य गतिविधियाँ
  1. विभिन्न बैको में अधिकारियों व कर्मचारियों की भर्ती पूर्व शिक्षण व प्रशिक्षण ।
  2. केन्द्र तथा राज्य सरकार की विभिन्न सेवाओं में भर्ती पूर्व शिक्षण व प्रशिक्षण (पटवारी, ग्रामसेवक, एस.आई, पुलिस, आर.ए.एस, रेल्वे भर्ती, ई.पी.एफ. एवं एस.एस.सी. आदि) ।
  3. गैर सरकारी भर्ती मे दिशा निर्देश, शिक्षण व प्रशिक्षण ।
  4. श्रीमती कमलादेवी गहलोत कम्प्यूटर केन्द्र द्वारा निम्न कम्प्यूटर संबंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है ।
    • Computer Fundamental.
    • D.T.P. (Desktop Publishing).
    • Programming Language ( C, C++, Java, J2EE, PHP, VB ).
    • Web Designing.
    • Guidance & Coaching for “O” and “A” Level Cources.
    • Tally Accounting.
  5. गुरूकुल में अध्ययनरत समाज के युवा वर्ग के व्यक्तिगत विकास हेतु शिक्षण, प्रशिक्षण एवं दिशा निर्देश प्रदान करना ।
  6. बहुआयामी रिलीफ एवं पर्यावरण विकास सोसायटी द्वारा Job Placement.यह संस्थान सहयोगी के रूप में वहत स्तर पर सामाजिक, चिकित्सीय, योग एवं प्राणायाम, वृक्षारोपण, महिला शिक्षा, निशक्त जनों हेतु कार्य किया जा रहा हैं।
बहु प्रतियोगी प्रशिक्षण संस्थान का उद्देश्य न केवल शिक्षण एवं प्रशिक्षण देना अपितु सामाजिक सरोकार के रूप में सामाजिक संगठन, आपसी भाईचारा, रहन-सहन एवं अनुशासित सिपाही के रूप में अपने व्यक्तिगत विकास करना भी हैं जिससे सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक स्तर पर समाज सुदृढ़ एवं लाभान्वित हो सकें ।

Saini Genealogy and Saini Family History Information

About the Saini surname
Saini (Hindi: सैनी pronunciation (help·info)) (Punjabi:ਸੈਣੀ) is a Rajput descent warrior caste of India. Sainis, also known as Shoorsaini in Puranic literature, are now found by their original name only in Punjab and in the neighboring states of Haryana, Jammu and Kashmir and Himachal Pradesh. They trace their descent from Rajputs of the Yaduvanshi Surasena lineage, originating from Yadava King Shurasena, who was the grandfather of both Krishna and the legendary Pandava warriors. Sainis relocated to Punjab from Mathura and surrounding areas over different periods of time.

Ancient Greek traveller and ambassdor to India, Megasthenes, also came across this clan in its glory days as the ruling tribe with its capital in Mathura. There is also an academic opinion that the ancient king Porus, the celebrated opponent of Alexander the Great, belonged to this once most dominant Yadava sept. Megasthenes described this tribe as Sourasenoi.

Like most other Rajput origin tribes of Punjab, Sainis also took up farming during medieval period due to the Turko-Islamic political domination, and have been chiefly engaged in both agriculture and military service since then until the recent times. During British period Sainis were enlisted as a statutory agricultural tribe as well as a martial class.

Sainis have a distinguished record as soldiers in the armies of pre-British princely states, British India and independent India. Sainis fought in both the World Wars and won some of the highest gallantry awards for 'conspicuous bravery'. Subedar Joginder Singh, who won Param Vir Chakra, Indian Army's highest war time gallantry award, in 1962 India-China War was also a Saini of Sahnan sub clan.

During the British era, several influential Saini landlords were also appointed as Zaildars, or revenue-collectors, in many districts of Punjab and modern Haryana.

Sainis also took active part in the freedom movement of India and many insurgents from Saini community were imprisoned, hanged or killed in encounters with colonial police during the days of British Raj.

However, since the independence of India, Sainis have diversified into different trades and professions other than military and agriculture. Sainis are now also seen in increasing numbers as businessmen, lawyers, professors, civil servants, engineers, doctors and research scientists, etc. Well known computer scientist, Avtar Saini, who co-led the design and development of Intel's flagship Pentium microprocessor, belongs to this community. The current CEO of global banking giant Master Card, Ajay Banga, is also a Saini. Popular newspaper daily Ajit, which is the world's largest Punjabi language news daily, is also owned by Sainis.

A significant section of Punjabi Sainis now lives in Western countries such as USA, Canada and UK, etc and forms an important component of the global Punjabi diaspora.

Sainis profess in both Hinduism and Sikhism. Several Saini families profess in both the faiths simultaneuosly and inter-marry freely in keeping with the age-old composite Bhakti and Sikh spiritual traditions of Punjab.

Until recent times Sainis were strictly an endogamous kshatriya group and inter-married only within select clans. They also have a national level organization called Saini Rajput Mahasabha located in Delhi which was established in 1920.

सर्व सैनी माली समाज ने भरी हुंकार

उदयपुर, जो समाज के साथ होगी, समाज भी उसके साथ होगा। सर्व सैनी माली समाज ने यह ऐलान रविवार को उदयपुर में किया। दक्षिणी राजस्थान के नौ जिलों से आए समाज के प्रबुद्धजनों ने समाज की जरूरतों को रेखांकित करते हुए स्पष्ट कहा कि इस बार समाज उसी का साथ देगा जो समाज को तवज्जो देगा। समाज का इशारा सभी प्रमुख दलों की ओर था कि आने वाली सरकार में समाज के लोगों को भी उचित प्रतिनिधित्व देना होगा, वरना समाज अपना निर्णय बाद में तय करेगा।

उदयपुर के शोभागपुरा सौ फीट रोड स्थित अशोका ग्रीन पैलेस में आयोजित सर्व सैनी माली समाज के प्रबुद्धजन सम्मेलन में दक्षिणी राजस्थान के उदयपुर, पाली, सिरोही, राजसमंद, डूंगरपुर, भीलवाड़ा, चित्तौडग़ढ़ और प्रतापगढ़ जिलों के समाज के प्रतिनिधि शामिल हुए। बाहर के जिलों से समाज के लोग बसों से उदयपुर पहुंचे। सुबह से शुरू हुआ सम्मेलन अपराह्न तक चला। सभी जिलों से आए प्रबुद्धजनों ने विभिन्न स्तरों पर समाज के विकास में आ रही बाधाओं को इंगित किया और उनसे पार पाने के लिए राज्य और केंद्र की सरकारों में समाज के समुचित प्रतिनिधित्व की जरूरत बताई।

सम्मेलन में अतिथि पूर्व संभागीय आयुक्त ओ.पी. सैनी ने सैनी माली समाज की सभी शाखाओं फूलमाली, राजमाली, कहार भोई, सगरवंशी, वनमाली आदि को एक मंच पर लाने की युवाओं की कोशिश की प्रशंसा की और कहा कि समाज की एकरूपता निश्चित रूप से दक्षिणी राजस्थान के अंदर राजनीतिक प्रतिनिधित्व दिलाने की दिशा में अहम साबित होगी। 
समाज के कैलाश धोलास्या ने कहा कि 9 जिलों की 44 विधानसभाओं में से एक भी विधायक सैनी माली समाज का न होना निराशाजनक है। उन्होंने मांग उठाई कि सैनी माली समाज के युवाओं को आगामी चुनाव में टिकट दिया जाना चाहिए। समाज के दिनेश माली ने कहा कि राजस्थान के सभी जिलों के किसी भी मार्ग का नाम ज्योतिबा फूले के नाम से रखा जाना चाहिए। उन्होंने संत ज्योतिबा फूले की जयंती पर राजकीय अवकाश, समाज के निम्नवर्गीय तबकों को विशेष सुविधा के प्रावधानों की भी जरूरत बताई।

सम्मेलन के संयोजक प्रवीण रतलिया ने कहा कि भूराजस्व नियम 1963 के अंतर्गत समाज को 5 बीघा जमीन नि:शुल्क दी जानी चाहिए। सैनी समाज किसी अन्य समाज का विरोध नहीं कर रहा है। समाज यह चाहता है कि सभी समाजों को इस नियम के तहत भूमि का आवंटन नि:शुल्क किया जाना चाहिए, ताकि समाज के लोगों का विवाह व अन्य आयोजनों में होने वाले महंगे खर्च से बच सकें, समाज के होनहारों को किराए पर कमरे ढूंढऩे और महंगे किराए से बचाया जा सके। रतलिया ने ज्योतिबा साहब को भारत रत्न दिए जाने की भी मांग की।

सम्मेलन की अध्यक्षता डॉ. किशन लाल माली ने की। विशिष्ट अतिथि अनुभव चंदेल,दिनेश माली,रेवाशंकर माली, यशवंत मंडावरा, दिनेश माली, नरेंद्र माली आदि थे। मंच संचालन डॉ. लक्ष्मीनारायण माली ने किया। सम्मेलन का आरंभ ज्योतिबा फूले व सावित्री बा की तस्वीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। सम्मेलन में उदयपुर से महावीर बड़ोदिया, कैलाश धोलासिया, अम्बालाल, दौलतराम माली, सिरोही से गोपाल माली, राजसमंद से मांगीलाल माली, बद्रीलाल माली, बाबूलाल माली, पाली से परमाराम माली, हिम्मत गहलोत, बड़ीसादड़ी से पुष्करराज माली, चित्तौडग़ढ़ से गोपाल माली, प्रतापगढ़ से राधेश्याम माली, राजेश माली, डूंगरपुर से मुकेश भोई, बांसवाड़ा से कन्हैयालाल माली, भीलवाड़ा से भगवान लाल हिंडोलिया, शिवराज माली, बंसीलाल माली आदि ने भी अपने-अपने क्षेत्र में समाज की जरूरतों के सम्बंध में विचार व्यक्त किए। सभी प्रबुद्धजनों को ज्योतिबा फूले की तस्वीर व स्मृति चिह्न प्रदान किए गए। 
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पीएम को एक लाख एक हजार पोस्टकार्ड अभियान का आगाज 
-सम्मेलन में समाज ने राजस्थान से एक लाख एक हजार पोस्ट कार्ड प्रधानमंत्री के नाम से लिखने के अभियान का आगाज भी किया। पहला पोस्टकार्ड पूर्व संभागीय आयुक्त ओ.पी. सैनी ने लिखा। इन पोस्टकार्डों में मांग रखी जा रही है कि देश के हर जिले में एक मार्ग का नाम ज्योतिबा फूले और सावित्री बा के नाम से रखा जाए। 
सम्मेलन संयोजक प्रवीण रतलिया ने बताया कि पहले चरण में दक्षिणी राजस्थान के ९ जिलों के प्रतिनिधियों का सम्मेलन हुआ है, अगले तीन चरणों में उत्तरी, पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान में ऐसे सम्मेलन किए जाएंगे।
सैनी- माली सेवा समाज के राष्ट्रीय अघ्यक्ष बने सूर्य कुमार
माली-सैनी सेवा समाज के स्थापना दिवस के मौके पर समाज की नई राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी का गठन किया गया
25 Jan 2018,
 लखनऊ: माली-सैनी सेवा समाज के स्थापना दिवस के मौके पर बुधवार को समाज की नई राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी का गठन किया गया। सूर्य कुमार सैनी को माली- सैनी सेवा समाज का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। साथ ही ब्रज किशोर सैनी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुण सैनी को राष्ट्रीय महासचिव, बृजेश सैनी को राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, विनोद सैनी को राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी उमेश सैनी राष्ट्रीय संगठन मंत्री चुना गया। संगठन संरक्षक के रूप में ओम प्रकाश सैनी, सुंदरलाल सैनी और गंगा प्रसाद सैनी का चुनाव हुआ। इसी तरह प्रदेश कार्यकारिणी के लिए दिनेश सैनी उर्फ भोले को लगातार चैथी बार निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष चुना गया। हरीश सैनी को उपाध्यक्ष, दिनेश चंद्र सैनी को महासचिव, बृजेश सैनी को कोषाध्यक्ष, शिवओम सैनी को मीडिया प्रभारी, दिनेश पुष्पाकार को विधि सलाहकार, कौशल सैनी और सूरज बली सैनी को संगठन मंत्री बनाया गया।